ईशान भेरूजी मंदिर, शेरगाँव: एक सच्ची कथा और अद्भुत परंपरा | Ishan Bheruji Temple, Shergaon: A true story and amazing tradition

ईशान भेरूजी मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि आस्था, अनुभव और परंपरा का संगम है! यह वह स्थान है जहाँ संकट में ईश्वरीय संकेत मिले, जहाँ प्रार्थना ने परिणाम दिया, और जहाँ आज भी श्रद्धा जीवंत है!
इस मंदिर की कथा, उसकी परंपरा और उससे जुड़ी भावनाएँ हर भक्त के हृदय को छू जाती हैं ! यदि आप कभी माउंट आबू की यात्रा करें, तो शेरगाँव स्थित इस पावन स्थान के दर्शन अवश्य करें !
Read more“आबूराज” – जहां देवताओं का वास और प्रकृति का अद्भुत खजाना है। History Of Aburaj | Why is Mount Abu called Aburaj?

माउंट आबू का पुराना नाम आबुराज ‘अर्बुदांचल’ या ‘अर्बुद पर्वत’ था और इसके नामकरण के पीछे सर्पराज अरवुद और नंदी वर्धन पर्वत की पौराणिक कथा छिपी है। इस पर्वत का धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व अद्वितीय है। समय के साथ अर्बुदांचल माउंट आबू बन गया, लेकिन इसकी दिव्यता और आस्था आज भी उतनी ही प्रबल है। यह स्थान सिर्फ राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
Read moreसांवरिया सेठ मेवाड़ का सुप्रसिद्ध कृष्ण धाम | Sawariya Seth Temple History

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले की पंचायत समिति भदेसर के मण्डफिया गाँव में स्थित श्री साँवलियाजी का मंदिर, भक्ति, शक्ति, पराक्रम और बलिदान का प्रतीक है। यह पवित्र स्थल पूरे वर्ष देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है !
Read moreब्रह्मखाई और शिव का अंगूठा भगवान् शिव की नगरी अद्वितीय अचलेश्वर महादेव मंदिर माउंट आबू | Achaleshwar Mahadev Temple Mount Abu

अचलेश्वर महादेव मंदिर भगवान् शिव की शक्ति और चमत्कार का जीवंत प्रतिक है, यह न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि इसे भारतीय और पौराणिक धरोहर भी है ! माउंट आबू के इस मंदिर की अनूठी विशेषता यह है की यहा भगवान् शिव के अंगूठे की पूजा होती है, यहाँ की हर कहानी हर मान्यता भक्तो के हृदय में शिव की महिमा को गहराई से स्थापित करती है !
Read moreअमरावती नगरी और राजा अमरीश की कहानी

इंद्र देव ने राजा अमरीश की तपस्या भंग करने के लिए ऊपर से बड़ा सा पत्थर राजा अमरीश पर ऊपर से फेका, राजा अमरीश के कठोर तपोबल से वह बड़ा पत्थर राजा अमरीश के सर पर जटाओ से टकरा कर उनके ऊपर अधर ही रुक गया ! वही बड़ा पत्थर जो एक बड़ी शिला आज भी ऋषिकेश भगवान मंदिर के सामने पहाड़ पर अधर मौजूद है और उस शिला में राजा अमरीश के सर से टकराया वहा खड्डे के निशान आज भी उस शिला में मौजूद है !
Read moreदेलवाड़ा जैन मंदिर का इतिहास | History of Delwada Temple

देलवाड़ा जैन मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारतीय वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण भी है। इसकी खूबसूरती और शांति हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करती है। मंदिर का इतिहास, निर्माण प्रक्रिया, और इसके पीछे की कहानियाँ इसे और भी खास बनाती हैं।
Read moreनक्की झील का इतिहास: रसिया बालम की कहानी

नक्की झील माउंट आबू का एक अद्वितीय और ऐतिहासिक स्थल है, जो न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इससे जुड़ी पौराणिक कथाओं और धार्मिक मान्यताओं के लिए भी। रसिया बालम की मेहनत और भक्ति से बनी यह झील आज भी राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है। यह झील माउंट आबू आने वाले हर पर्यटक के लिए एक अनमोल धरोहर है, जिसे देखे बिना माउंट आबू की यात्रा अधूरी मानी जाती है।
Read moreमाउंट आबू का इतिहास | History Of Mount Abu

माउंट आबू का इतिहास बहुत ख़ास है ऐसा कहा जाता है की माउंट आबू का पहाड़ एक ब्रह्म खाई के अन्दर समाया हुआ नंदी वर्धन पर्वत है जिसका सिर्फ नाक के ऊपर का भाग ही बहार है बाकि पूरा खाई के अन्दर समा गया है !
Read moreमाँ सिद्धिदात्री | सभी सिद्धियों की दात्री

माँ सिद्धिदात्री देवी दुर्गा के नवें और अंतिम रूप के रूप में पूजी जाती हैं। नवरात्रि के नौवें दिन माँ सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है। यह रूप सभी सिद्धियों (अलौकिक शक्तियों) को प्रदान करने वाली देवी के रूप में प्रसिद्ध है।
Read moreमाँ महागौरी | शुद्धता और सौंदर्य की देवी

माँ महागौरी को देवी दुर्गा के आठवें रूप के रूप में पूजा जाता है। नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी ...
Read more