फूलो में सज रहे है , श्री बाबोसा हमारे
लगते बड़े ही प्यारे , माँ छगनी के दुलारे
फूलो में सज रहे है …
सिर पर मुकुट है प्यारा , मुखड़ा ज्यो चंदा चमके
नेनो से बरसे अमीरस , कानो में कुंडल झलके
तन पे सजा है बागा , जिसमे सजे सितारे
फूलो में सज रहे है …
सुंदर छवि तुम्हारी , भक्तो के मन को मोहे
है लीले की सवारी , कर में गदा है सोहे
नैना हुए है बावरे , बस तुमको ही निहारे
फूलो में सज रहे है …
” दिलबर ” है ये केसी , मेरी खुशनसीबी
श्री बाबोसा की भक्ति , बाईसा से करीबी
आओ श्री बाबोसा की , आरती हम उतारे
फूलो में सज रहे है …
