आरती
आरतजन अवलंबन अंबा! भुजलंबा! भयहारी! मां!
जय जगदंबा! कृपा कदंबा! सदासुमंगलकारी! मां! १
करूं आरती थांरी मां! (२)
निश्छल निरमल पावन अंबे! प्रसुति दक्ष दुलारी! मां!
आरासन में आप बिराजो , वरदा! बीसभुजारी! मां! २
करूं आरती थांरी मां! (२)
मेघ धनुष री कोर मनोहर,किरण कसीदाकारी! मां!
ओढ चुनरिया लाल क्षितिज री, ओपत अनपुरणा री!! मां! ३
करूं आरती थांरी मां! (२)
रिधि सिधि नित तव चरण पखारै, भर गंगोदक झारी!मां!
गणपति षण्मुख विजन डुलावत, पुनि सुरगण प्रतिहारी! मां! ४
करूं आरती थांरी मां! (२)
पाशांकुश शर चाप गदा धर, करती जग रखवारी! मां!
गिरि गब्बर पर बैठी है कर, बब्बर शेर सवारी! मां!५
करूं आरती थांरी मां! (२)
सातद्वीप-नवखंड-धणियांणी, राय-भुवन-दस-चारी! मां!
आदि-शक्ति! हिंगलाज! भवानी, कोहला परबत वारी!! मां!!६
करूं आरती थांरी मां! (२)
सरसिज वदना! सरसिज नयना! मृदु बयना प्रियकारी! मां!
सरसिज कर सरसिज शुभ शोभित, सरसिज पद मनहारी! मां७
करूं आरती थांरी मां! (२)
सिंदूर कुम कुम भाल शुशोभित, रक्तांबर तन धारी! मां!
चंद्र दिवाकर नेत्र निहारिणी,वसुधा- व्योम-विहारी! मां!८
करूं आरती थांरी मां! (२)
अशरण शरणी! पातक हरणी! तरणी भवदधि तारी! मां!
नेह निझरणी! वेद सुबरनी! करनी अद्भुत कारी! मां! ९
करूं आरती थांरी मां! (२)
उमा! अपर्णा! गौर सुवर्णा ,कर-धर-शूल-कटारी ! मां!
पशुपति भामिनि! त्रिभुवन स्वामिनि! तू दायी फलचारी! मां!१०
करूं आरती थांरी मां! (२)
अलख निरंजनि! कलिमल गंजनि! भंजनि विपदा भारी मां!
मुख मृदुखंजनि, जय शिव रंजनि, हिमगिरि-विन्ध्य-विहारी! मां!११
करूं आरती थांरी मां! (२)
देव दनुज नर नाग पितर पशु, प्रेत विहग नभचारी! मां!
सचर अचर है तुमरे वश सब, वंदन वारी वारी! मां!१२
करूं आरती थांरी मां! (२)
शंख मृदंगम झांझ पखावज ,वेणु बीन सितारी! मां!
मंदिर बाजत ढोल नगाड़ा, नौबत झालर थारी मां! १३
करूं आरती थांरी मां! (२)
घट ध्वनितालम् तुम तत तननन ,तिरकिट तुम तत ता री मां!
घूंघर घननन! पायल छननन!,सगती रमती सारी!! मां!१४
करूं आरती थांरी मां! (२)
खड़ खड़ खड़ खडताल सु बाजै,तड़ड़ड़ तड़ करतारी! मां!
ठनन ठनन घंटारव मंदिर , !”जय हो मात तिहारी!” मां!१५
करूं आरती थांरी मां! (२)
सोरठ तोडी भीम पलासी, देश राग दरबारी मां!
गावत ललित बिहाग भगत गण, आरति लय ॐकारी!मां! १६
करूं आरती थांरी मां! (२)
नवलख संग नित रास रचावत, निश दिन सांझ सवारी! मां!
नवदुर्गे! दशविद्ये!हिमगिरि-मैना- तनया प्यारी! मां! १७
करूं आरती थांरी मां! (२)
ऐं ह्री क्लीं रूपा !जगजननी, चंडी दैत्य विदारी! मां!
मार्कंडेय मुनि पूजित माते! दुर्गे! दुर्गतिहारी! मां!१८
करूं आरती थांरी मां! (२)
शारद नारद शुक सनकादिक, मुनि हरि अज त्रिपुरारी मां!
शेष सहस मुख बरनत थाके, गिनती कौन हमारी! मां!१९
करूं आरती थांरी मां! (२)
दस दिगपाल’रु बावन भैरव चौसठ जोगण सारी! मां!
ऋषि सिध मुनिगण महिमा गावत ! किन्नर सुर नर नारी!मां!२०
करूं आरती थांरी मां! (२)
कोटि पंच-दस-षट चामुंडा,नवलख धाबळ-धारी!मां!
गुण तव गावत अति सुख पावत,उर ले हरख अपारी! मां!२१
करूं आरती थांरी मां! (२)
आभ कपाली! काली जय! श्री!कवि रसना बसनारी! मां!
“चारण नरपत” तव चरणन पर,बार बार बलिहारी! मां!२२
करूं आरती थांरी मां! (5)

Songs Credits
𝅘𝅥𝅮 Title : Karu Aarti Thari Maa
𝅘𝅥𝅮 Singer : Tripti Shakya
𝅘𝅥𝅮 Music : Harsh Vyas Mumbai
𝅘𝅥𝅮 Recording : Aaryan Records Mumbai
𝅘𝅥𝅮 Mix Mastering : Harsh Vyas
𝅘𝅥𝅮 Lyricist : Dr. Narpat Vaitalik
𝅘𝅥𝅮 Label : Tulsi Jaipal
𝅘𝅥𝅮 Editor : Tulsi Jaipal
𝅘𝅥𝅮 Producer : Tulsi Jaipal
𝅘𝅥𝅮 Digital Partner : RDC Media Pvt. Ltd.
𝅘𝅥𝅮 Category : Devotional
𝅘𝅥𝅮 Sub Category : Mataji Aarti
𝅘𝅥𝅮 Copyright : Tulsi Jaipal