Jabkeshwar Mahadev | जबकेश्वर महादेव मंदिर, शेरगांव

Spread the love

“जबकेश्वर महादेव” ( Jabkeshwar Mahadev) जबकेश्वर महादेव मंदिर, शेरगांव आबूपर्वत के घने जंगलो के पहाड़ो के मध्य में स्थित है ! जहाँ पहुँच पाना बहुत ही कठिन है,  एक तो आबु का घना जंगल और पहाड़ो का उतार चढाव और दुर्गम रास्तो से होकर पहुचना पड़ता है ,इसलिए आम इंसान का वहा पर अकेले जाना खतरे से खाली नही है !

महाराणा प्रताप के जीवन से जुडा जबकेश्वर महादेव का इतिहास

इस मंदिर का निर्माण वीर शिरोमणी मेवाड़ के महाराजा श्री महाराणा प्रताप जी ने करवाया था ! जिसका प्रमाण मंदिर में मौजूद शिलालेख से होता है !

Jabkeshwar-Mahadev-Shilalekh
Jabkeshwar-Mahadev-Shilalekh

श्री महाराणा प्रताप जी ने मुगलों से युद्ध के दौरान कुछ वर्ष जंगल में बिताये थे जिसका विवरण इतिहास के पन्नो पर भी मौजूद है ! तब मेवाड़ के राजा होते हुए भी श्री महाराणा प्रतापजी ने जंगलो में घास की रोटी और उबरा खा कर  जीवन यापन किया था, तब श्री महाराणा प्रताप जी आबू पर्वत के इन्ही घने जंगलो के पहाड़ो की गुफाओ में रह कर आपातकाल व्यतीत किया वो  गुफाए आज भी  आबू के पहाड़ो में मौजूद है !

Maharana Pratap Jabkeshwar Mahadev Caves

जबकेश्वर महादेव ( Jabkeshwar Mahadev)  मंदिर के शिलालेख जानकारी के अनुसार  श्री महाराणा प्रताप जी ने इस मंदिर का निर्माण करवा कर  शिवलिंग स्थापित विक्रम संवत 2026 में अनुसार 450 साल पहले करवाया था, जहा श्री महाराणा प्रतापजी  यहा हर रोज़ भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते थे ! तत्पशात मंदिर का जीर्णोद्वार स्वामी श्री सेवानंदजी महाराज ने करवाया था ! स्वामी श्री सेवानन्दजी महाराज श्री जबकेश्वर आश्रम आबूपर्वत ! हर हर महादेव !! जय आबुराज !!

कहा जाता है ( Jabkeshwar Mahadev) मंदिर में जो शिवलिंग है, उसे श्री महाराणा प्रताप जी ने खुद स्थापित किया था ! मंदिर के अंदर माँ पार्वती और गणेश जी रिद्धि सिद्धि के साथ और भगवान शिवजी और माँ पार्वती की मनमोहक मूर्तिया है ! दरवाजे पर श्री नंदी जी महाराज विराजमान है !

jabkeshwar mahadev shivling

मंदिर के बहार एक गंगा कुंड है जो हमेशा पानी भरा रहता है ! जहा भोलेनाथ का वास होता है वहा गंगा मईया को आना ही पड़ता है ! कहा जाता है की कई सालो पहले भयंकर अकाल पड़ने पर भी इस कुंड का पानी कभी नही सुखा यह किसी चमत्कार से कम नही है !   

घने जंगल और पहाड़ो के बीचोबीच होने से यहाँ पर आमजन का आना जाना नही होता है इसलिए यह पवित्र जगह ऋषि मुनियों के तपस्या के लिए अतिउत्तम जगहों में से एक है ! यहाँ पर कई साधू संतो ने तपस्या करके सिध्धिया अर्जित की है ऐसा कहा जाता है !

जबकेश्वर महादेव मंदिर ( Jabkeshwar Mahadev)

मंदिर तक पहुचने के लिए राजस्थान के सिरोही जिल्ले में आबूरोड से गुरुशिखर 45किलोमीटर और पैदल गुरुशिखर से जबकेश्वर महादेव 8.6 किलोमीटर है ! इस इतिहासिक मंदिर तक पहुचने के दो रास्ते है, एक रास्ता है जो पहाड़ो के तलहटी से चढ़ाई करके जो गाँव नितोडा, नानरवाडा, काछोली से आ सकते है रास्ता बहुत मुश्किल भरा है इसलिए स्थानीय लोगो को साथ में लेके जा सकते है ! जहा से चढ़ने होंगे 3 से 4 पहाड़ो को पार करके पहुच सकते है !और दूसरा रास्ता है जो आसान रास्ता है जो आबूपर्वत के गुरु शिखर से गाँव उतरज से होकर जबकेश्वर महादेव मंदिर जा सकते है वो भी उतरज से  किसी स्थानीय आमजन को साथ लेकर जाना ही उचित होगा ! दोनों ही रास्ते से जाने के लिए साथ में खाने पिने की व्यवस्था करके ही जाना पड़ता है  ! जंगल में जंगली जानवरों (भालू चिता सियार ) से सावधान रहे !

श्रावण मास 2024 में हाल ही में  राजस्थान के प्रसिद्द भजन सिंगर श्री छोटू सिंह रावणा ने जबकेश्वर महादेव आश्रम में पुरे श्रावण महीने मौनवृत रहकर यहाँ अकेले रहकर भक्ति/तपस्या की है उनकी ऐसी भक्ति को नमन है ! ऐसी घनघोर जंगल में एक दिन भी रहना मुश्किल है वहा पर उन्होंने सवा महीना अकेले रहकर भक्ति की है उनकी आध्यत्मिक भक्ति के लिए हमारे पास कोई शब्द नही है ! वैसे तो छोटू सिंह रावणा जी यहाँ पर कई बार आते जाते रहे है , उनका साधू संतो से बड़ा लगाव है ! जबकेश्वर महादेव् से थोड़ी दूर शेरगांव के पास ईशान भैरूजी का मंदिर एक विशालकाय गुफा में है, वहा पर भी छोटू सिंह रावणा जी कई बार आते जाते रहे  है !

Jabkeshwar Mahadev Chotu singh Ravna puja photo

जबकेश्वर महादेव मंदिर  ( Jabkeshwar Mahadev) घने जंगल में होने के कारण मंदिर का जीर्णोधार नही हो पाया है ! आस पास के लोग भैरूजी के दर्शन करने आते है तब लोग यहाँ जबकेश्वर दर्शन करके ही जाते है यहाँ पर आते समय आपको आबू के स्वादिस्ट फल जैसे कर्मंदा आम और जामुन उनकी सीजन के हिसाब से खाने को मिल जाते है जो आपकी यात्रा को आन्दित कर देते है !

जीवन में अगर मौका मिले तो ऐसी दुर्गम जगह और ऐसे ऐतिहासिक मंदिरों के दर्शन जरुर करे !

  • जय आबुराज
  • जय भोलेनाथ
  • जय जबकेश्वर महादेव
  • जय भैरूजी महाराज
Join WhatsApp Join Now
Join Telegram Join Now
Join Instagram Join Now
Join Pinterest Join Now
Powered By NVH Films Logo
माँ आरासुरी अंबाजी प्रधान शक्तिपीठ तीर्थ धाम अहमदाबाद से केवल 4 घंटे की दुरी पर है राजस्थान का यह हिल स्टेशन दीवाली पर आते है दुनिया भर से पर्यटक नवरात्रि 9 देवी के नाम महाराणा प्रताप से जुड़ा जबकेश्वर महादेव का इतिहास आरासुरी अंबाजी नाम की कहानी