राजस्थान के माउंट आबू में स्थित जबकेश्वर महादेव मंदिर ( Jabkeshwar Mahadev) न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि इसके रहस्य और अलौकिक घटनाओं ने इस स्थान को विशेष बना दिया है। मंदिर का नाम वीर शिरोमणी श्री महाराणा प्रतापजी द्वारा स्थापित शिवलिंग के कारण पड़ा, जहां उन्होंने अपने आपातकाल के दौरान शिवलिंग की स्थापना की थी। यह कहा जाता है कि भोलेनाथ ने उन्हें एक झपक (क्षण) के लिए दर्शन दिए थे , तभी से इस मंदिर को ‘जबकेश्वर महादेव‘ के नाम से जाना जाने लगा। इस मंदिर का रहस्य, गहन जंगल, और यहां की अलौकिक घटनाएं हर किसी को चौंका देती हैं।
छोटूसिंह रावणा (chhotusingh Ravna), जो राजस्थान के प्रसिद्ध गायक हैं, ने इस मंदिर में 30 दिन बिताए। यह यात्रा न केवल एक आध्यात्मिक अनुभव थी, बल्कि एक रोमांचक और अद्भुत यात्रा भी थी, जिसे उन्होंने खुद साझा किया।
जबकेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ा रहस्य
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छोटूसिंह रावणा (chhotusingh Ravna) की इस यात्रा की शुरुआत एक अनोखे आकर्षण से हुई। पांच साल पहले जब वे पहली बार माउंट आबू में घूमने आए, तब उन्होंने जबकेश्वर महादेव मंदिर ( Jabkeshwar Mahadev)में मात्र 20 मिनट बिताए। लेकिन उस संक्षिप्त समय ने उनके मन में एक गहरी छाप छोड़ी। वह मंदिर घने जंगलों में स्थित है, और 30 वर्षों में वहां कोई नहीं रुका था। लोगों का मानना है कि वहां पर रहने वाले साधु-महात्मा भी अजीब घटनाओं का सामना करना पड़ता था इसलिए यहा कोई नही रुकता था । इस जंगल की रहस्यमयी कहानियां गांव वालों में प्रचलित थीं।
छोटूसिंह रावणा (chhotusingh Ravna) ने एक वर्ष पहले से मंदिर की ओर एक अद्भुत आकर्षण महसूस किया। जैसे उनके मन में मंदिर की छवि हर दिन उभरती रहती थी, मानो भगवान शिव उन्हें बुला रहे हों। यह रहस्यमयी एहसास उन्हें बार-बार मंदिर की ओर खींचता रहा, और आखिरकार, वे बिना रुके, बिना सोए माउंट आबू पहुंचे।
छोटूसिंह रावणा पहला दिन जबकेश्वर महादेव मंदिर में ( Jabkeshwar Mahadev)
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छोटूसिंह रावणा जब मंदिर पहुंचे, तो उनका स्वागत घने जंगल, अंधकार, और बारिश ने किया। शाम के चार बज चुके थे, और उनके साथी उन्हें छोड़कर चले गए। वे मंदिर के भीतर गए, जहां चारों ओर अंधेरा और सन्नाटा था। मंदिर के प्रांगण में प्रवेश करते ही, छोटूसिंह रावणा को साक्षात हनुमान जी के दर्शन हुए। वह पल उनके लिए अविस्मरणीय था। उन्होंने मंदिर की कुटिया को साफ किया और भगवान शिव के सामने रो पड़े। उन्होंने कहा कि वे तपस्वी नहीं हैं, और न ही वे किसी सिद्धि या रिद्धि की प्राप्ति के लिए आए थे। मुझे यहाँ बुलाया गया है और में आपकी सेवा करने आया हु !
उनका पहला दिन भले ही डरावना था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, उन्होंने खुद को भगवान के प्रति पूरी तरह समर्पित कर दिया।
दुसरे दिन का अनुभव जबकेश्वर महादेव मंदिर में ( Jabkeshwar Mahadev)
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दूसरे दिन छोटूसिंह रावणा का अनुभव और भी गहरा हो गया। वे सुबह उठे, हनुमान जी के दर्शन किए, और फिर एक विचार मन में आया कि हनुमान जी की मूर्ति पर लाल तिलक होना चाहिए। वे इस लाल रंग की उम्मीद घने जंगल में कर रहे थे, जो कि असंभव प्रतीत होता था। लेकिन तभी, एक लड़का मंदिर में आया और उसे गुफा में लाल रंग का डिब्बा मिला, जो एक साल पहले वहां रखा गया था। यह घटना छोटूसिंह रावणा के लिए चमत्कार से कम नहीं थी। उन्होंने उसी रंग से हनुमान जी का तिलक किया।
अदृश्य साधु का रहस्य
छोटूसिंह रावणा ने ( Jabkeshwar Mahadev) मंदिर में कई चमत्कारी घटनाओं का अनुभव किया। एक चमगादड़ ने शिवलिंग पर जल चढ़ाकर परिक्रमा की, और छोटूसिंह रावणा को लगा कि वहां कोई अदृश्य शक्ति है। इस अनुभव के बाद उन्होंने चार लोगों के लिए भोजन बनाना शुरू किया—एक भगवान महादेव के लिए, एक हनुमानजी के लिए और एक अदृश्य के संत के लिए, और एक खुद के लिए के लिए।
हर रोज़ छोटूसिंह रावणा ने भोजन बनाकर एक थाली संत के आसन पर रख देते थे । उन्हें यकीन था कि कोई अदृश्य साधु वहां भोजन ग्रहण कर रहा है।
अंतिम दिन का अलौकिक अनुभव ( Jabkeshwar Mahadev)
30 दिन पूरे होने के बाद, छोटूसिंह रावणा ने ( Jabkeshwar Mahadev) मंदिर छोड़ने का निर्णय लिया। लेकिन जब उन्होंने अंतिम आरती की, तो उन्हें ऐसा लगा कि उनका शरीर अब काम नहीं कर रहा है, जैसे कोई और शक्ति उन्हें चला रही थी। पूरा शरीर थकान से टूट चुका था, और वे अब अपने मांसपेशियों का दर्द महसूस करने लगे थे।
इस यात्रा के अंत में, छोटूसिंह रावणा को महसूस हुआ कि वे केवल एक माध्यम थे, और भगवान की कृपा से उनका यह सफर पूरा हुआ।
अब, छोटूसिंह रावणा ने ( Jabkeshwar Mahadev) मंदिर में एक पुजारी को स्थायी रूप से नियुक्त किया गया है, जो प्रतिदिन पूजा करता है। हालांकि, आज भी वहां कोई रात में नहीं रुकता है, और मंदिर का रहस्य अब भी जीवित है।
यह यात्रा न केवल एक भक्त का अपने भगवान से जुड़ाव है, बल्कि अलौकिक और रहस्यमयी घटनाओं से भरी हुई है। जबकेश्वर महादेव मंदिर ( Jabkeshwar Mahadev) आज भी एक रहस्यमयी स्थल बना हुआ है, जो अपने भक्तों को अपनी ओर खींचता है और उन्हें भगवान शिव की अद्वितीय कृपा का अनुभव कराता है।
Jabkeshwar Mahadev Mandir Chotusingh Ravana video
जबकेश्वर महादेव मंदिर से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्न (FAQ)
1. जबकेश्वर महादेव मंदिर कहाँ स्थित है?
झपकेश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के माउंट आबू में स्थित है। यह मंदिर घने जंगलों के बीच में बसा हुआ है और एकांत तथा रहस्यमयी माहौल के लिए जाना जाता है।
2. जबकेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास क्या है?
महाराणा प्रताप ने वनवास के दौरान इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की थी। ऐसा माना जाता है कि शिवजी ने महाराणा प्रताप को एक झपक (क्षण) के लिए दर्शन दिए थे, जिसके कारण इस मंदिर का नाम ‘जबकेश्वर महादेव‘ पड़ा।
3. इस मंदिर से जुड़ी रहस्यमयी घटनाएं क्या हैं?
मंदिर से जुड़े कई रहस्यमयी और अलौकिक घटनाओं का जिक्र किया जाता है। कहा जाता है कि 30 वर्षों में कोई भी व्यक्ति वहां रात में नहीं रुका है। छोटूसिंह रावणा ने 30 दिन तक वहां बिताए, और उन्होंने कई अलौकिक अनुभव साझा किए जैसे शिवलिंग पर चमगादड़ द्वारा जल चढ़ाना और अदृश्य साधु द्वारा भोजन ग्रहण करना।
4. क्या मंदिर में रात में रुकना संभव है?
हालांकि दिन में लोग दर्शन करने जाते हैं, लेकिन रात में यहां रुकना काफी चुनौतीपूर्ण और डरावना माना जाता है। वहां के स्थानीय लोग भी शाम होते ही वापस लौट जाते हैं।
5. छोटूसिंह रावणा का अनुभव कैसा था?
छोटूसिंह रावणा, एक प्रसिद्ध राजस्थानी गायक, ने झपकेश्वर महादेव मंदिर में 30 दिन बिताए। उनके अनुभव अत्यधिक रोमांचक और अलौकिक थे, जिनमें उन्हें हनुमान जी और अदृश्य साधु के दर्शन हुए। उन्होंने इसे भगवान की कृपा और एक आध्यात्मिक यात्रा के रूप में वर्णित किया।
6. मंदिर में कौन-कौन सी चमत्कारी घटनाएं घटित होती हैं?
मंदिर में कई अद्भुत घटनाएं घटती हैं, जैसे बिना किसी इंसानी हस्तक्षेप के शिवलिंग पर जल चढ़ना, हनुमान जी की आकृति का दर्शन, और अदृश्य साधु का भोजन ग्रहण करना। ये सभी घटनाएं वहां की अलौकिक शक्ति का संकेत देती हैं।
7. क्या जबकेश्वर महादेव मंदिर में कोई पुजारी है?
अब मंदिर में एक पुजारी नियुक्त किया गया है, जो दिन में पूजा-अर्चना करता है। हालांकि, पुजारी भी रात में वहां नहीं रुकते हैं और दिन में पूजा करने के बाद वापस लौट जाते हैं।
8. मंदिर के दर्शन का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
मंदिर के दर्शन के लिए सबसे अच्छा समय दिन का होता है, क्योंकि यह स्थान जंगल में स्थित है और रात में वहाँ रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मानसून के दौरान वहाँ का वातावरण और भी रोमांचकारी हो जाता है, लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से दिन का समय ही उपयुक्त है।
9. क्या मंदिर तक पहुँचने का कोई विशिष्ट मार्ग है?
मंदिर माउंट आबू के जंगलों में स्थित है और वहाँ तक पहुँचने के लिए पैदल यात्रा करनी होती है। यह मार्ग प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवों से भरा हुआ है, लेकिन सावधानीपूर्वक यात्रा करना आवश्यक है।
10. क्या जबकेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ी कोई मान्यता है?
ऐसा कहा जाता है कि अगर आप सच्चे मन से यहाँ भगवान से प्रार्थना करते हैं, तो आपकी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। इसके अलावा, मंदिर में अलौकिक शक्तियों की उपस्थिति मानी जाती है, जो श्रद्धालुओं की रक्षा करती हैं।
11. छोटूसिंह रावणा का गाँव कौनसा है ?
छोटूसिंह रावणा का घर राजस्थान के बाड़मेर जिल्ले की शिव तहसील में गढ़ कोटडा गाँव में उनका घर है !