“चौसठ जोगणी” का भजन, जिसे चौसठ जोगणियों का वंदन भी कहा जाता है, माताजी के विभिन्न रूपों का गुणगान है । यह भजन देवी की महिमा का विस्तार से वर्णन करता है और भक्तों के हृदय में आस्था एवं भक्ति की गंगा बहा देता है। इस भजन में चौसठ जोगणियों के रूपों का वर्णन किया गया है, जो देवी के 64 शक्तिशाली अवतार माने जाते हैं। हर रूप में देवी का एक विशेष स्वरूप और शक्ति है, जो उनके अनंत रूपों और उनके कार्यों का प्रतीक है।

“चौसठ जोगाणी“ यह भजन माँ आरासुरी अंबाजी गाँव आरासणा जिल्ला सिरोही राजस्थान में यह मंदिर स्थित है ! यहा माँ अम्बे के नाभि कमल की पूजा एक श्री यन्त्र के रूप में होती है और उतंग शिखर पर माँ के त्रिशूल की पूजा होती है , यह मंदिर प्रधान शक्तिपीठ के रूप में माना गया है ! यहा देश विदेश से भक्त माँ के दर्शन करने आते है, माँ आरासुरी अंबाजी के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए माँ आरासुरी अंबाजी के नाम पर क्लिक करके पूरी पोस्ट पढ़े !
चौसठ जोगणियों को देवी के विभिन्न स्वरूपों का प्रतीक माना जाता है, जो भक्तों के जीवन से बुराइयों को दूर करती हैं और उन्हें सुरक्षा एवं आशीर्वाद प्रदान करती हैं। ये रूप शक्ति, साहस, करुणा और मातृत्व के प्रतीक हैं। यह भजन हमें याद दिलाता है कि माँ के ये रूप हमारे जीवन के हर पहलू में हमें मार्गदर्शन और सुरक्षा देते हैं। चाहे वह कठिनाइयों का सामना हो या शांति की तलाश, हर परिस्थिति में माँ का एक विशेष रूप हमारी रक्षा करता है।
“चौसठ जोगणी” भजन तुलसी जयपाल के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है, इसे लोकप्रिय भजन गायक एडवोकेट प्रकाश माली ने अपनी मधुर आवाज़ में गाया है। एडवोकेट प्रकाश माली की आवाज़ में इस भजन ने 70 मिलियन से अधिक लोगों के दिलों में जगह बनाई है। यह भजन सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि लोगों की आस्था और विश्वास का प्रतीक बन गया है। उनकी आवाज़ में इस भजन को सुनते हुए हर कोई देवी की शक्ति और महिमा का अनुभव कर सकता है।
आज के समय में यह भजन सिर्फ भक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा माध्यम बन गया है जिसने लाखों लोगों को देवी की शक्ति से जोड़ा है। इसके माध्यम से लोग अपनी समस्याओं का समाधान, अपने प्रश्नों के उत्तर, और अपने जीवन में नई रोशनी पा रहे हैं।
70 मिलियन से अधिक बार देखे जाने वाला यह भजन दर्शाता है कि यह सिर्फ एक संगीत का टुकड़ा नहीं है, बल्कि जन-जन की आस्था और विश्वास का जीता-जागता उदाहरण है। चाहे वह गाँव का भक्त हो या शहर का, हर कोई इस भजन को सुनकर देवी के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करता है।
एडवोकेट प्रकाश माली : एक अद्वितीय भजन गायक
एडवोकेट प्रकाश माली का नाम आज भजन जगत में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है, लेकिन उनका सफर सिर्फ गायक तक सीमित नहीं है। पेशे से वे एक वकील हैं, और उन्होंने अपने जीवन में कानून की पढ़ाई कर वकालत को अपना करियर बनाया। लेकिन बचपन से ही उन्हें भजनों का बड़ा शौक था, और यही शौक उन्हें एक पेशेवर भजन गायक बनने की ओर ले गया।

एडवोकेट प्रकाश माली की आवाज़ में एक विशेष मिठास और भक्ति की भावना है, जिसने उन्हें राजस्थान में अपार प्रसिद्धि दिलाई है । उनका जीवन इस बात का साक्षी है कि यदि किसी व्यक्ति के पास एक मजबूत इच्छा और समर्पण हो, तो वह अपने शौक को भी अपने पेशे में बदल सकता है।
वकालत की जिम्मेदारियों के साथ-साथ भजनों के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें न केवल एक सफल वकील, बल्कि एक उम्दा भजन गायक भी बना दिया। उनके द्वारा गाया हुआ भजन “चौसठ जोगणी” ने 70 मिलियन से अधिक लोगों के दिलों को छुआ है, और यह भजन जन-जन की आस्था का प्रतीक बन गया है। उनकी आवाज़ में देवी की स्तुति सुनकर भक्तगण अपनी समस्याओं और चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं और भक्ति में लीन हो जाते हैं।
आज एडवोकेट प्रकाश माली न केवल एक भजन गायक के रूप में, बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में भी जाने जाते हैं। उन्होंने दिखाया कि एक व्यक्ति एक साथ कई क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकता है यदि उसमें जुनून और समर्पण हो। उनकी इस यात्रा ने उन्हें सिर्फ राजस्थान में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्धि दिलाई है।

चाहे वह एक अदालत में हो या एक भजन के मंच पर, प्रकाश माली की उपस्थिति और उनकी आवाज़ हर जगह लोगों के दिलों को छू लेती है। उनके जीवन का यह सफर उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो अपने शौक और पेशे के बीच सामंजस्य स्थापित करना चाहते हैं।
अंत में, चौसठ जोगणी भजन हमें याद दिलाता है कि माँ के 64 रूप हर पल हमारी रक्षा कर रहे हैं, और उनके प्रति समर्पण से ही हम अपने जीवन में शांति और सुख प्राप्त कर सकते हैं। इस भजन के माध्यम से लाखों लोगों ने देवी की शक्ति को महसूस किया है, और यही इसकी ख़ास विशेषता है।
64 jogani bhajan lyrics | चौसठ जोगणी भजन लिरिक्स
देवा में देवी बड़ी, और बड़ी आरासुरी माय ,
अरे लजिया मोरी राखियो, थे कीजो म्हारी सहाय,
कीजो म्हारी सहाय, मईया शरण में आयो थारी,
जगदम्बे महाराणी माँ, मईया लाज रखजो म्हारी,
देवलिये रमजाय भवानी , आंगणिये रमजाय,
देवलिये रमजाय भवानी , मंदरिये रमजाय,
चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय,
घूमर घालणि रे माता , आंगणिये रमजाय,
देवलिये रमजाय भवानी , आंगणिये रमजाय,
देवलिये रमजाय भवानी , मंदरिये रमजाय,
चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय,
घूमर घालणि रे माता , आंगणिये रमजाय,
हंस सवारी कर म्हारी माता, ब्रम्हा रूप बणायो,
हंस सवारी कर म्हारी माता, ब्रम्हा रूप बणायो,
ब्रम्हा रो रूप बणायो म्हारी मैया, ब्रम्हा रूप बणायो,
ब्रम्हा रो रूप बणायो म्हारी मैया, ब्रम्हा रूप बणायो,
चार वेद मुख चार बिराजे ए ए ए
चार वेद मुख चार बिराजे, चारा रो जस गायो,
चोसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय,
घूमर घालणी रे माता, आंगणिये रमजाय,
गरुड़ सवारी कर म्हारी माता, विष्णु रो रूप बणायो,
गरुड़ सवारी कर म्हारी माता, विष्णु रो रूप बणायो,
विष्णु रो रूप बणायो नवदुर्गा, विष्णु रो रूप बणायो,
विष्णु रो रूप बणायो नवदुर्गा, विष्णु रो रूप बणायो,
गदा पदम संग चक्र बिराजे ए ए ए ए
गदा पदम संग चक्र बिराजे, मधुबन बंसी बजाई,
चोसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय,
घूमर घालणी रे माता, आंगणिये रमजाय,
नंदी सवारी कर म्हारी मैया, शिवजी रो रूप बणायो,
अरे नंदी सवारी कर म्हारी मैया, शिवजी रो रूप बणायो,
शिवजी रो रूप बणायो नवदुर्गा, शिवजी रूप बणायो,
शिवजी रो रूप बणायो नवदुर्गा, शिवजी रूप बणायो,
जटा मुकुट मै गंगा खडके ए ए ए ए
जटा मुकुट मै गंगा खडके, शेष नाग लीपटायो,
चोसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय,
घूमर घालणी रे माता, आंगणिये रमजाय,
मोर सवारी कर म्हारी माता, कार्तिक रूप बणायो,
अरे मोर सवारी कर म्हारी माता, कार्तिक रूप बणायो,
कार्तिक रूप बणायो म्हारी माता, कार्तिक रूप बणायो,
कार्तिक रूप बणायो म्हारी माता, कार्तिक रूप बणायो,
शक्ति धारण हाथ में लेने हे ए ए ए
शक्ति धारण हाथ में लेने, अणहद शंख बजाओ
चोसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय,
घूमर घालणी रे माता, आंगणिये रमजाय,
सिंघ सवारी कर मेरी माता, शक्ति रो रूप बणायो,
अरे सिंघ सवारी कर मेरी माता, शक्ति रो रूप बणायो,
शक्ति रूप बणायो नवदुर्गा, शक्ति रो रूप बणायो,
शक्ति रूप बणायो नवदुर्गा, शक्ति रो रूप बणायो,
सियाराम तेरी करे स्तुति,……..
जयपाल परिवार करे स्तुति, तुलसी दास जस गायो
चोसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय,
घूमर घालणी रे माता, आंगणिये रमजाय,
देवलिये रमजाय भवानी , आंगणिये रमजाय,
देवलिये रमजाय भवानी , मंदरिये रमजाय,
चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय,
घूमर घालणि रे माता , आंगणिये रमजाय,