ईशान भेरूजी मंदिर, शेरगाँव: एक सच्ची कथा और अद्भुत परंपरा | Ishan Bheruji Temple, Shergaon: A true story and amazing tradition

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ईशान भेरूजी मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि आस्था, अनुभव और परंपरा का संगम है! यह वह स्थान है जहाँ संकट में ईश्वरीय संकेत मिले, जहाँ प्रार्थना ने परिणाम दिया, और जहाँ आज भी श्रद्धा जीवंत है! इस मंदिर की कथा, उसकी परंपरा और उससे जुड़ी भावनाएँ हर भक्त के हृदय को छू जाती हैं ! यदि आप कभी माउंट आबू की यात्रा करें, तो शेरगाँव स्थित इस पावन स्थान के दर्शन अवश्य करें !
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“आबूराज” – जहां देवताओं का वास और प्रकृति का अद्भुत खजाना है। History Of Aburaj | Why is Mount Abu called Aburaj?

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माउंट आबू का पुराना नाम आबुराज ‘अर्बुदांचल’ या ‘अर्बुद पर्वत’ था और इसके नामकरण के पीछे सर्पराज अरवुद और नंदी वर्धन पर्वत की पौराणिक कथा छिपी है। इस पर्वत का धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व अद्वितीय है। समय के साथ अर्बुदांचल माउंट आबू बन गया, लेकिन इसकी दिव्यता और आस्था आज भी उतनी ही प्रबल है। यह स्थान सिर्फ राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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महाशिवरात्रि की महिमा | Mahashivratri Ki Mahima

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महाशिवरात्रि केवल भगवान शिव की उपासना का पर्व नहीं, बल्कि यह आत्मशुद्धि, साधना और मोक्ष प्राप्ति का भी मार्ग है! शिव की कृपा पाने के लिए इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखना, मंत्र जप करना और सत्कर्मों में लीन रहना अत्यंत लाभकारी होता है! यह पर्व हमें आत्मसंयम, ध्यान और अध्यात्म की ओर प्रेरित करता है!
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प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला 2025: एक संपूर्ण गाइड | Mahakumbh Mela 2025 Prayagraj A complete guide

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प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला 2025: एक संपूर्ण गाइड | Mahakumbh Mela 2025 Prayagraj A complete guide
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सांवरिया सेठ मेवाड़ का सुप्रसिद्ध कृष्ण धाम | Sawariya Seth Temple History

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राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले की पंचायत समिति भदेसर के मण्डफिया गाँव में स्थित श्री साँवलियाजी का मंदिर, भक्ति, शक्ति, पराक्रम और बलिदान का प्रतीक है। यह पवित्र स्थल पूरे वर्ष देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है !
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कुंभ मेला भारतीय संस्कृति का अद्वितीय पर्व | Kumbh Mela 2025

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कुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का एक ऐसा महापर्व है जो विश्वभर में अपनी भव्यता और आध्यात्मिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है ! यह पर्व हर 12 साल में चार पवित्र स्थानों - प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक – में आयोजित होता है ! इसे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है, जहाँ लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा, यमुना, क्षिप्रा और गोदावरी नदियों के संगम पर स्नान करने के लिए आते है !
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ब्रह्मखाई और शिव का अंगूठा भगवान् शिव की नगरी अद्वितीय अचलेश्वर महादेव मंदिर माउंट आबू | Achaleshwar Mahadev Temple Mount Abu

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अचलेश्वर महादेव मंदिर भगवान् शिव की शक्ति और चमत्कार का जीवंत प्रतिक है, यह न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि इसे भारतीय और पौराणिक धरोहर भी है ! माउंट आबू के इस मंदिर की अनूठी विशेषता यह है की यहा भगवान् शिव के अंगूठे की पूजा होती है, यहाँ की हर कहानी हर मान्यता भक्तो के हृदय में शिव की महिमा को गहराई से स्थापित करती है !
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बद्री केदारनाथ मंदिर नितोडा | Badri Kedarnath Temple Nitoda

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नितोडा गाँव की यह पवित्र भूमि केवल मंदिरों के लिए ही नहीं, बल्कि इसकी सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ की बावड़ी, मंदिर की मूर्तिकला, और विभिन्न धार्मिक स्थलों ने गाँव को एक विशिष्ट आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र बनाया है। इस गाँव में स्थित बद्री केदारनाथ तीर्थ धाम, धार्मिक यात्रियों और भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य है, जो उनकी आत्मा को शांति और सुकून प्रदान करता है।
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अमरावती नगरी और राजा अमरीश की कहानी

Raja Amrish
इंद्र देव ने राजा अमरीश की तपस्या भंग करने के लिए ऊपर से बड़ा सा पत्थर राजा अमरीश पर ऊपर से फेका, राजा अमरीश के कठोर तपोबल से वह बड़ा पत्थर राजा अमरीश के सर पर जटाओ से टकरा कर उनके ऊपर अधर ही रुक गया ! वही बड़ा पत्थर जो एक बड़ी शिला आज भी ऋषिकेश भगवान मंदिर के सामने पहाड़ पर अधर मौजूद है और उस शिला में राजा अमरीश के सर से टकराया वहा खड्डे के निशान आज भी उस शिला में मौजूद है !
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माँ भद्रकाली मंदिर का इतिहास | History Of Maa Bhadrakali Temple

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कल्याणी स्वरुप में माँ भद्रकाली का एकमात्र मंदिर राजस्थान के सिरोही जिले में आबुरोड के निकट उमरणी गाँव (मानपुर के ...
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माँ आरासुरी अंबाजी प्रधान शक्तिपीठ तीर्थ धाम अहमदाबाद से केवल 4 घंटे की दुरी पर है राजस्थान का यह हिल स्टेशन दीवाली पर आते है दुनिया भर से पर्यटक नवरात्रि 9 देवी के नाम महाराणा प्रताप से जुड़ा जबकेश्वर महादेव का इतिहास आरासुरी अंबाजी नाम की कहानी