माँ सिद्धिदात्री | सभी सिद्धियों की दात्री

Spread the love

माँ सिद्धिदात्री देवी दुर्गा के नवें और अंतिम रूप के रूप में पूजी जाती हैं। नवरात्रि के नौवें दिन माँ सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है। यह रूप सभी सिद्धियों (अलौकिक शक्तियों) को प्रदान करने वाली देवी के रूप में प्रसिद्ध है। माँ सिद्धिदात्री के आशीर्वाद से साधक को सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं और वह अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।

माँ सिद्धिदात्री की उत्पत्ति:

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माँ सिद्धिदात्री ने ब्रह्मांड की रचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने भी माँ सिद्धिदात्री की कृपा से ही सभी सिद्धियों को प्राप्त किया था। उनके आशीर्वाद से ही ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने अपनी-अपनी शक्तियाँ प्राप्त कीं, जिससे सृष्टि की रचना, पालन और संहार संभव हुआ।

माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप अत्यंत मनोहारी और शांत है। वे चार भुजाओं वाली हैं। उनके एक हाथ में चक्र, दूसरे में गदा, तीसरे में कमल और चौथे हाथ में शंख धारण किए हुए हैं। उनका वाहन सिंह है, लेकिन कुछ मान्यताओं के अनुसार वे कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं। उनकी उपासना से साधक को अष्टसिद्धियों (आणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, और वशित्व) की प्राप्ति होती है।

माँ सिद्धिदात्री की पूजा और महत्ता:

माँ सिद्धिदात्री की पूजा साधक के जीवन में असीमित शक्ति, ज्ञान और वैभव प्रदान करती है। उनकी कृपा से व्यक्ति अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है। नवरात्रि के नवें दिन माँ सिद्धिदात्री की उपासना विशेष रूप से मोक्ष की प्राप्ति और जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति के लिए की जाती है। उनकी आराधना से भक्त सभी सांसारिक और आध्यात्मिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।

माँ सिद्धिदात्री की उपासना से न केवल साधक को सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं, बल्कि वह आत्मिक शांति, संयम और समर्पण की भावना को भी प्राप्त करता है।

माँ सिद्धिदात्री की आराधना के लिए यह मंत्र अत्यधिक प्रभावशाली है

“ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः”

इस मंत्र का जाप करने से साधक के जीवन में असीम शक्ति और सफलता का संचार होता है।

माँ सिद्धिदात्री की उपासना से साधक को आठ प्रमुख सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं, जिससे वह अपने जीवन के हर क्षेत्र में श्रेष्ठता और सफलता प्राप्त करता है। उनकी पूजा व्यक्ति के जीवन में संतुलन, संयम और मानसिक शांति लाती है। साधक को जीवन के सभी कष्टों और बंधनों से मुक्ति मिलती है और वह मोक्ष की प्राप्ति की ओर अग्रसर होता है।

माँ सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की देवी हैं। उनकी कृपा से साधक को असीम शक्ति, सिद्धियाँ और सफलता प्राप्त होती है। माँ सिद्धिदात्री की आराधना से साधक को भौतिक और आध्यात्मिक दोनों क्षेत्रों में उन्नति और संतोष प्राप्त होता है। उनके आशीर्वाद से जीवन के सभी कष्ट समाप्त होते हैं, और साधक को आत्मज्ञान, शक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Join WhatsApp Join Now
Join Telegram Join Now
Join Instagram Join Now
Join Pinterest Join Now
Powered By NVH Films Logo
माँ आरासुरी अंबाजी प्रधान शक्तिपीठ तीर्थ धाम अहमदाबाद से केवल 4 घंटे की दुरी पर है राजस्थान का यह हिल स्टेशन दीवाली पर आते है दुनिया भर से पर्यटक नवरात्रि 9 देवी के नाम महाराणा प्रताप से जुड़ा जबकेश्वर महादेव का इतिहास आरासुरी अंबाजी नाम की कहानी