Ishan Bheruji | ईशान भैरुजी धाम शेरगांव, आबूपर्वत

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ईशान भैरुजी इतिहास (Ishan Bheruji)

“ईशान भैरूजी” (Ishan Bheruji) का दिव्य मंदिर आबू पर्वत के दुर्गम पहाडियों के बीचो बीच एक छोटा सा गाँव शेरगांव के पास आया हुआ है ! यह दिव्य मंदिर एक विशालकाय गुफा के अंदर है जहा भैरूजी विराजमान है !

कहा जाता है की भैरूजी (Ishan Bheruji) यहाँ विश्राम करने बेठे थे यहाँ से ही पाताल लोक चले गये थे ! और उनके घुटने की आकृति आज भी पत्थर की बनी हुई है इसलिए यहा उनके घुटने की पूजा होती है ! लोगो का कहना है की यह घुटना धीरे धीरे छोटा होता जा रहा है जो कलयुग के अंत तक पूरा अंदर चला जायेगा ! यह गुफा साधू संतो की अतिप्रिय जगहों में से एक है ! यहाँ कई बड़े बड़े साधू संतो ने यहाँ कई सालो तक तपस्या की है !

ishan bheruji mandir

भैरूजी (Ishan Bheruji) के मंदिर के निचे एक बड़ा सा सरोवर है जो इस मंदिर को और भी मनमोहक बना देता है ! यह मंदिर माउंट आबू की पहाडियों में होने से यहाँ का तापमान हमेशा ठंडा रहता है और बहुत तेज हवाए चलती है !

भैरूजी (Ishan Bheruji) कई लोगो के इष्ट देव होने से लोग अपने बच्चो की जातर (मुंडन) यहाँ करवाते है और लाडू चूरमा का भोग लगा कर पूजा अर्चना  करके रात को भक्ति संध्या (भजन) करते है !

आजकल युवा लोगो का यह पर्यटक स्थल बन गया है इसलिए यहाँ आने का ताता लगा ही रहता है ! यहाँ आने के लिए सबसे सरल रास्ता है उपर से नीछे उतरने वाला  माउंटआबू के गुरुशिखर से गाँव उतरज के रास्ते से होकर शेरगांव आ सकते है आपको अगर रास्ते का पता नही हो तो गाँव उतरज से रास्ते के जानकार आदमी को साथ जरुर ले क्योकि जंगल है जंगल में कुछ भी दुर्घटना हो सकती है और दूसरा रास्ता है जो पहाड़ के निचे से उपर आने का रास्ता है जो उबेरा गाँव वास्तानेश्वर् महादेव मंदिर के पास से होकर आ सकते है ! अगर आप नए है तो आप गाँव उबेरा से कोई रास्ते का जानकार आदमी को साथ ले लेवे जो आपका कुछ सामान भी उठा लेंगे ! रास्ते में पिने के लिए पानी की बोतल साथ ले लेवे !

ईशान भैरूजी मंदिर लोकेशन

ईशान भैरूजी (Ishan Bheruji) मंदिर से 2-3 किलोमीटर की दुरी पर ही जबकेश्वर महादेव मंदिर स्थित है जो वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप द्वारा मंदिर का निर्माण करवाया  गया था और शिवलिंग की स्थापना श्री महाराणा प्रतापजी ने खुद की थी और यहाँ रोज़ पूजा अर्चना करते थे ! घास की रोटी और उबरा खा कर उन्होंने अपना आपातकाल जीवन यापन किया था ! इस मंदिर तक जाने के लिए शेरगांव से होकर जाना पड़ता है, और घने जंगल में रास्ता भटक न जाए इसलिए शेरगांव से कोई स्थानीय लोग जो रास्ते का जानकार हो उनको साथ लेके जाना उचित है क्योकि घने जंगल में जंगली जानवरों का भी खतरा रहता है

Jabkeshwar mahadev mandir

यात्रा में आपके आनंद के लिए रास्ते में आपके लिए जंगली फल जैसे करमंदे और आम आपको थकान महसूस नही करने देंगे ! यहाँ से आप सूर्योदय और सूर्यास्त का सुंदर नज़ारा देख सकते है ! बरसात से मौसम में यहाँ का नज़ारा देखते ही आपको यहाँ से जाने का मन नहीं करेगा , कल कल बहते झरने और बादल आपके तन मन को भिगो देते है  !

भैरूजी जाने वाले सभी लोग अपने अपने खाने की सामग्री साथ ले जाते है क्योकि वहा आपको कोई सामान नही मिलता है ! मंदिर के पास में शेरगांव से दूध, घी और छास मिल जाती है बाकी सब सामान अपने साथ लेकर जाना होता है !

ईशान भैरूजी के भजनो में आप कुछ दृश्यों को देख सकते है जो Tulsi Jaipal youtube चैनल पर भेरूजी के भजन उपलब्ध है ! भैरूजी से जो सच्चे मन से याद करता है  प्रार्थना करते है उनकी मनोकामना भैरूजी अवश्य पूरी करते है इसलिए यहाँ लोग दूर दूर से आते है !

विशेष आग्रह है की यहाँ मॉस मदिरा (शराब) पीना मना है मंदिर परीसर को गन्दा ना करे, स्वच्छता बनाये रखे ! जय भैरूजी री ! जय आबुराज

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